गोर(बंजारा भाषा) को 8 वीं अनुसूची में शामिल किया जाय...
मुंबई वार्ताहर:- गोरमाटी (बंजारा समाज) मूल रूप से भारत देश का है ,बंजारा समाज की संस्कृति वैभवशाली रही है बंजारा समाज के लोग देश के लगभग प्रत्येक राज्य में निवास करता है जिसकी एक संस्कृति और एक भाषा है । यह समाज गोरबोली भाषा को अभी तक बचाये रखा है और पूरे स्वाभिमान के साथ अपनी भाषा बोलता है । पूरे देश में बंजारा समाज की आबादी 10 करोड़ के आसपास है जिसमे अकेले महाराष्ट्र में 90 लाख की आबादी है , इसके अलावा तेलंगाना में 2 करोड़, कर्नाटक में 1 करोड़ 25 लाख , आंध्र प्रदेश में 70 लाख , उत्तर प्रदेश में 30 लाख तथा राजस्थान, गोवा , केरला, मध्यप्रदेश में भी बड़ी संख्या में लोग निवास करते है ।
गोरबोली को बंजारा समाज की भाषा मे मान्यता मिले इसके लिए यह समाज पिछले काफी अरसे से संघर्ष कर रहा है ।
महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 2019 में इसके लिए सिफारिश भी कर चुका है लेकिन अभी तक इस भाषा को भाषा का दर्जा नहीं दिया गया है ।
मेरा अनुरोध है कि इस गोरबोली(बंजारा भाषा) को 8 वी सूचिमे में शामिल किया जाय नहीं तो देशभर आंदोलन किया जायेगा ऎसा गोर प्रकाश राठोड, राष्ट्रीय प्रवक्ता, राष्ट्रीय बंजारा परिषद ने बताया .